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"गुलज़ार (गीतकार)": अवतरणों में अंतर

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'''ग़ुलज़ार''' नाम से प्रसिद्ध '''सम्पूर्ण सिंह कालरा''' (जन्म-१८ अगस्त १९३६)<ref>{{Cite web |url=http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B0/%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%87-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B0-1080818037_1.htm |title=हजार चेहरों वाले गुलज़ार |access-date=9 अगस्त 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121112063608/http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B0/%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%87-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B0-1080818037_1.htm |archive-date=12 नवंबर 2012 |url-status=dead }}</ref><ref>{{cite web |title=सम्पूर्ण सिंह कालरा (गुलज़ार)- Gulzar - Khabar Street |url=https://www.khabarstreet.com/sampoorn-singh-kalra-gulzar/ |accessdate=18 अगस्त 2021}}</ref> [[हिन्दी सिनेमा|हिन्दी फिल्मों]] के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक नाटककार तथा प्रसिद्ध [https://wpsadstatus.com/gulzar-shayari-in-hindi शायर]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }} हैं। उनकी रचनाएँ मुख्यतः [[हिन्दी]], [[उर्दू भाषा|उर्दू]] तथा [[पंजाबी]] में हैं, परन्तु [[बृज भाषा|ब्रज भाषा]], [[खड़ीबोली|खड़ी बोली]], [[मारवाड़ी]] और [[हरियाणवी भाषा|हरियाणवी]] में भी इन्होंने रचनायएँ कीं। गुलज़ार को वर्ष २००२ में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार|सहित्य अकादमी पुरस्कार]] और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान [[पद्म भूषण]] से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में [[डैनी बॉयल]] निर्देशित फ़िल्म [[स्लम्डाग मिलियनेयर]] में उनके द्वारा लिखे गीत [[जय हो]] के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत का [[अकेडमी पुरस्कार|ऑस्कर पुरस्कार]] मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हें [[ग्रैमी पुरस्कार]] से भी सम्मानित किया जा चुका है।
'''ग़ुलज़ार''' नाम से प्रसिद्ध '''सम्पूर्ण सिंह कालरा''' (जन्म-१८ अगस्त १९३४)<ref>{{Cite web |url=http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B0/%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%87-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B0-1080818037_1.htm |title=हजार चेहरों वाले गुलज़ार |access-date=9 अगस्त 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20121112063608/http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B0/%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%9A%E0%A5%87%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%87-%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%9C%E0%A4%BC%E0%A4%BE%E0%A4%B0-1080818037_1.htm |archive-date=12 नवंबर 2012 |url-status=dead }}</ref> [[हिन्दी सिनेमा|हिन्दी फिल्मों]] के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक नाटककार तथा प्रसिद्ध शायर हैं। उनकी रचनाएँ मुख्यतः [[हिन्दी]], [[उर्दू भाषा|उर्दू]] तथा [[पंजाबी]] में हैं, परन्तु [[बृज भाषा|ब्रज भाषा]], [[खड़ीबोली|खड़ी बोली]], [[मारवाड़ी]] और [[हरियाणवी भाषा|हरियाणवी]] में भी इन्होंने रचनायएँ कीं। गुलज़ार को वर्ष २००२ में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार|सहित्य अकादमी पुरस्कार]] और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान [[पद्म भूषण]] से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में [[डैनी बॉयल]] निर्देशित फ़िल्म [[स्लम्डाग मिलियनेयर]] में उनके द्वारा लिखे गीत [[जय हो]] के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत का [[अकेडमी पुरस्कार|ऑस्कर पुरस्कार]] मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हें [[ग्रैमी पुरस्कार]] से भी सम्मानित किया जा चुका है।


== प्रारम्भिक जीवन ==
== प्रारम्भिक जीवन ==
गुलज़ार का जन्म [[भारत]] के [[झेलम नदी|झेलम]] जिला [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] के दीना गाँव में, जो अब [[पाकिस्तान]] में है, १८ अगस्त १९३६ को हुआ था। गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनकी माँ उन्हें बचपन में ही छोड़ कर चल बसीं। माँ के आँचल की छाँव और पिता का दुलार भी नहीं मिला। वह नौ भाई-बहन में चौथे नंबर पर थे। बंटवारे के बाद उनका परिवार [[अमृतसर]] ([[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]], [[भारत]]) आकर बस गया, वहीं गुलज़ार साहब मुंबई चले गये। वर्ली के एक गेरेज में वे बतौर मेकेनिक काम करने लगे और खाली समय में कवितायें लिखने लगे। फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्होंने बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया। बिमल राय की फ़िल्म [[बन्दिनी (1963 फ़िल्म)|बन्दिनी]] के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा।
गुलज़ार का जन्म [[भारत]] के [[झेलम नदी|झेलम]] जिला [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] के दीना गाँव में, जो अब [[पाकिस्तान]] में है, १८ अगस्त १९३४ को हुआ था। गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनकी माँ उन्हें बचपन में ही छोड़ कर चल बसीं। माँ के आँचल की छाँव और पिता का दुलार भी नहीं मिला। वह नौ भाई-बहन में चौथे नंबर पर थे। बंटवारे के बाद उनका परिवार [[अमृतसर]] ([[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]], [[भारत]]) आकर बस गया, वहीं गुलज़ार साहब मुंबई चले गये। वर्ली के एक गेरेज में वे बतौर मेकेनिक [पेंट के रंग मैचिंग-(डेंटिंग होने पर)] का काम करने लगे और खाली समय में किताबें पढने लगे, और लिखने का आकर्षण बढने लगा। फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्होंने बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया। बिमल राय की फ़िल्म [[बन्दिनी (1963 फ़िल्म)|बन्दिनी]] के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा।
गुलज़ार त्रिवेणी छ्न्द के सर्जक हैं।
गुलज़ार त्रिवेणी छ्न्द के सर्जक हैं।


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* ग्रैमी पुरस्कार- २०१० में।
* ग्रैमी पुरस्कार- २०१० में।
* [[दादासाहेब फाल्के पुरस्कार|दादा साहब फाल्के सम्मान]] - २०१३<ref name="IndiaToday-20140412">{{cite news|url=http://indiatoday.intoday.in/story/gulzar-to-get-dadasaheb-phalke-award/1/355422.html|title=Gulzar to get Dadasaheb Phalke award|trans-title=गुलज़ार को मिलेगा दादा साहब फाल्के पुरस्कार|date=१२ अप्रैल २०१४|work=इण्डिया टुडे डॉट इन|publisher=इण्डिया टुडे समूह|accessdate=१२ अप्रैल २०१४|language=अंग्रेज़ी|archive-url=https://web.archive.org/web/20140503214231/http://indiatoday.intoday.in/story/gulzar-to-get-dadasaheb-phalke-award/1/355422.html|archive-date=3 मई 2014|url-status=live}}</ref><ref>{{cite web|title=गुलज़ार को मिला दादा साहब फाल्के|url=http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/04/140412_gulzar_phalke_award_vt.shtml|date=१२ अप्रैल २०१४|accessdate=१२ अप्रैल २०१४|publisher=बीबीसी हिन्दी|archive-url=https://web.archive.org/web/20140413163426/http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/04/140412_gulzar_phalke_award_vt.shtml|archive-date=13 अप्रैल 2014|url-status=live}}</ref>
* [[दादासाहेब फाल्के पुरस्कार|दादा साहब फाल्के सम्मान]] - २०१३<ref name="IndiaToday-20140412">{{cite news|url=http://indiatoday.intoday.in/story/gulzar-to-get-dadasaheb-phalke-award/1/355422.html|title=Gulzar to get Dadasaheb Phalke award|trans-title=गुलज़ार को मिलेगा दादा साहब फाल्के पुरस्कार|date=१२ अप्रैल २०१४|work=इण्डिया टुडे डॉट इन|publisher=इण्डिया टुडे समूह|accessdate=१२ अप्रैल २०१४|language=अंग्रेज़ी|archive-url=https://web.archive.org/web/20140503214231/http://indiatoday.intoday.in/story/gulzar-to-get-dadasaheb-phalke-award/1/355422.html|archive-date=3 मई 2014|url-status=live}}</ref><ref>{{cite web|title=गुलज़ार को मिला दादा साहब फाल्के|url=http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/04/140412_gulzar_phalke_award_vt.shtml|date=१२ अप्रैल २०१४|accessdate=१२ अप्रैल २०१४|publisher=बीबीसी हिन्दी|archive-url=https://web.archive.org/web/20140413163426/http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/04/140412_gulzar_phalke_award_vt.shtml|archive-date=13 अप्रैल 2014|url-status=live}}</ref>
ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 से गुलजार को सम्मानित किया जाएगा।(प्रस्तावित)


== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==
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* [https://web.archive.org/web/20100209015240/http://www.hindimedia.in/index.php?option=com_content&task=view&id=10074&Itemid=86 इब्ने बतूता के जूते ने की गुलजार की फज़ीहत]
* [https://web.archive.org/web/20100209015240/http://www.hindimedia.in/index.php?option=com_content&task=view&id=10074&Itemid=86 इब्ने बतूता के जूते ने की गुलजार की फज़ीहत]
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[[श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन]]
[[श्रेणी:२००४ पद्म भूषण]]
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[[श्रेणी:राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता]]
[[श्रेणी:राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता]]

14:18, 29 जुलाई 2024 के समय का अवतरण

गुलज़ार
जन्म दीना, झेलम जिला, पंजाब, ब्रिटिश भारत
पेशा निर्देशक,
गीतकार,
पटकथा लेखक,
निर्माता,
कवि
कार्यकाल 1961 - वर्तमान
जीवनसाथी राखी गुलज़ार
बच्चे मेघना गुलज़ार
पुरस्कार Best Original Song
2009 Slumdog Millionaire

Best Lyricist
1977 Do diwane is shahar mein... Gharaonda
1979 Aanewala pal jaane wala hai... Gol Maal
1980 Hazaar raahen... Thodi Si Bewafaai
1983 Tujhse naaraz nahin zindagi... Masoom
1988 Mera kuch saamaan... Ijaazat
1991 Yaara sili sili... Lekin...
1998 Chhaiyya Chhaiyya... Dil Se
2003 Saathiya... Saathiya
Best Dialogue
1971 Anand
1973 Namak Haraam
1996 Maachis
2003 Saathiya
Best Story
1996 Maachis
Best Director
1976 Mausam
Best Feature Film (Critics)
1975 Aandhi
2002 Lifetime Achievement Award
Best Director
1976 Mausam
Best Lyricist
1988 Mera kuch saaman... Ijaazat
1991 Yaara sili sili... Lekin...
Best Film for Wholesome Entertainment
1996 Maachis
Best Screenplay
1972 Koshish
Best Documentary
1991 Ustad Amjad Ali Khan
1991 Pt Bhimsen Joshi

ग़ुलज़ार नाम से प्रसिद्ध सम्पूर्ण सिंह कालरा (जन्म-१८ अगस्त १९३४)[1] हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इसके अतिरिक्त वे एक कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक नाटककार तथा प्रसिद्ध शायर हैं। उनकी रचनाएँ मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खड़ी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होंने रचनायएँ कीं। गुलज़ार को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फ़िल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हें ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

प्रारम्भिक जीवन

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गुलज़ार का जन्म भारत के झेलम जिला पंजाब के दीना गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, १८ अगस्त १९३४ को हुआ था। गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनकी माँ उन्हें बचपन में ही छोड़ कर चल बसीं। माँ के आँचल की छाँव और पिता का दुलार भी नहीं मिला। वह नौ भाई-बहन में चौथे नंबर पर थे। बंटवारे के बाद उनका परिवार अमृतसर (पंजाब, भारत) आकर बस गया, वहीं गुलज़ार साहब मुंबई चले गये। वर्ली के एक गेरेज में वे बतौर मेकेनिक [पेंट के रंग मैचिंग-(डेंटिंग होने पर)] का काम करने लगे और खाली समय में किताबें पढने लगे, और लिखने का आकर्षण बढने लगा। फ़िल्म इंडस्ट्री में उन्होंने बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के तौर पर काम शुरू किया। बिमल राय की फ़िल्म बन्दिनी के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा। गुलज़ार त्रिवेणी छ्न्द के सर्जक हैं।

रचनात्मक लेखन

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गुलजार द्वारा लिखी गई पुस्तकों की सूची-

  • चौरस रात (लघु कथाएँ, 1962)
  • जानम (कविता संग्रह, 1963)
  • एक बूँद चाँद (कविताएँ, 1972)
  • रावी पार (कथा संग्रह, 1997)
  • रात, चाँद और मैं (2002)
  • रात पश्मीने की
  • खराशें (2003)

चलचित्र सृजन

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निर्देशन

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गुलजार ने बतौर निर्देशक अपना सफर १९७१ में मेरे अपने से शुरू किया। इससे पहले उन्होंने आशीर्वाद, आनन्द, ख़ामोशी और अन्य जैसी फिल्मों के लिए संवाद और पटकथा लिखी थी। मेरे अपने फिल्म तपन सिन्हा की बंगाली फिल्म अपंजन (१९६९) की पुनर्निर्मीती थी। इस फ़िल्म में मीना कुमारी ने आनंदी देवी की प्रमुख भूमिका निभाई, जो एक बुढी विधवा है जो बेरोजगारों और पीड़ित युवाओं की स्थानीय झगड़ों के बीच गिर जाती है। एसे हि एक झगड़े में आनंदी देवी की मौत के कारण उन्हें पता चलता है कि हिंसा कैसे व्यर्थ है।

१९७२ में आयी संजीव कुमार और जया भादुङी अभिनीत फिल्म कोशिश जो एक गूंगे बहरे दम्पति के जीवन पर आधारित कहानी थी, ने आलोचकों को भी हैरान कर दिया। संजीव कुमार को इस फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला।

इसके बाद गुलजार ने संजीव कुमार के साथ आंधी (१९७५), मौसम (१९७५), अंगूर (१९८१) और नमकीन (१९८२) जैसी फिल्मे निर्देशित की। गुलजार द्वारा निर्देशित चलचित्रों की सूची-

गीत लेखन

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गुलजार द्वारा लिखे गए गीतों वाले फिल्मों की सूची-

पटकथा लेखन

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पुरस्कार और सम्मान

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ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 से गुलजार को सम्मानित किया जाएगा।(प्रस्तावित)

सन्दर्भ

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  1. "हजार चेहरों वाले गुलज़ार". मूल से 12 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अगस्त 2012.
  2. "Gulzar to get Dadasaheb Phalke award" [गुलज़ार को मिलेगा दादा साहब फाल्के पुरस्कार]. इण्डिया टुडे डॉट इन (अंग्रेज़ी में). इण्डिया टुडे समूह. १२ अप्रैल २०१४. मूल से 3 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १२ अप्रैल २०१४.
  3. "गुलज़ार को मिला दादा साहब फाल्के". बीबीसी हिन्दी. १२ अप्रैल २०१४. मूल से 13 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १२ अप्रैल २०१४.

बाहरी कड़ियाँ

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