जीवनी, किसी व्यक्ति के जीवन वृत्तांतों को सचेत और कलात्मक ढंग के बारे लिखे उपन्यास अथवा लेख को कहा जा सकता है। प्रसिद्ध इतिहासज्ञ और जीवनी-लेखक टामस कारलाइल ने अत्यन्त सीधी सादी और संक्षिप्त परिभाषा में इसे "एक व्यक्ति का जीवन" कहा है। यद्यपि इतिहास कुछ हद तक, कुछ लोगों की राय में, महापुरुषों का जीवनवृत्त है तथापि जीवनचरित उससे एक अर्थ में भिन्न हो जाता है। जीवनचरित में किसी एक व्यक्ति के यथार्थ जीवन के इतिहास का आलेखन होता है, अनेक व्यक्तियों के जीवन का नहीं। फिर भी जीवनचरित का लेखक इतिहासकार और कलाकार के कर्त्तव्य के कुछ समीप आए बिना नहीं रह सकता। जीवनचरितकार एक ओर तो व्यक्ति के जीवन की घटनाओं की यथार्थता इतिहासकार की भाँति स्थापित करता है; दूसरी ओर वह साहित्यकार की प्रतिभा और रागात्मकता का तथ्यनिरूपण में उपयोग करता है। उसकी यह स्थिति संभवत: उसे उपन्यासकार के निकट भी ला देती है।
साहित्य में आत्मकथा किसी लेखक द्वारा अपने ही जीवन का वर्णन करने वाली कथा को कहते हैं। यह संस्मरण (memoir) से मिलती-जुलती लेकिन भिन्न है। जहाँ संस्मरण में लेखक अपने आसपास के समाज, परिस्थितियों व अन्य घटनाओं के बारे में लिखता हैं वहाँ आत्मकथा में केन्द्र लेखक स्वयं होता है। आत्मकथा हमेशा व्यक्तिपरक होती हैं, यानि वह लेखक के दृष्टिकोण से लिखी जाती हैं। इनमें लेखक अनजाने में या जानबूझ कर अपने जीवन के महत्वपूर्ण तथ्य छुपा सकता है या फिर कुछ मात्रा में असत्य वर्णन भी कर सकता है। एक ओर आत्मकथा से व्यक्ति के जीवन और परिस्थितियों के बारे पढ़कर पाठकों को जानकारी व मनोरंजन मिलता है, तो दूसरी ओर इतिहासकार आत्मकथाओं की जानकारी को स्वयं में मान्य नहीं ठहराते और सदैव अन्य स्रोतों से उनमें कही गई बातों की पुष्टी करने का प्रयास करते हैं।
कैथरीन एलिस "केट" ब्लैंचेट (जन्म 14 मई 1969) एक ऑस्ट्रेलियाई अभिनेत्री और रंगमंच निर्देशिका हैं। उन्होंने अभिनय के लिए कई पुरस्कार जीते हैं, विशेष रूप से दो SAG, दो गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, दो बाफ्टा (BAFTA) और एक अकादमी पुरस्कार और साथ ही साथ उन्होंने 64वें वेनिस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में वोल्पी कप भी जीता है। ब्लैंचेट ने 1995-2010 के बीच अकादमी पुरस्कार के पांच नामांकन अर्जित किए.
ब्लैंचेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब पहचान मिली जब वे शेखर कपूर द्वारा निर्देशित 1998 की फिल्म एलिजाबेथ में प्रस्तुत हुईं, जिसमें उन्होंने इंग्लैंड की एलिजाबेथ I का अभिनय किया। उन्हें पीटर जैक्सन के द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग त्रयी में एल्फ रानी गलाड्रिअल, इंडियाना जोन्स एंड द किंगडम ऑफ़ द क्रिस्टल स्कल में कर्नल-डॉक्टर इरिना स्पालको, मार्टिन स्कोर्सीस के द एविएटर में कैथरीन हेपबर्न की भूमिकाओं के लिए भी जाना जाता है। द एविएटर में अपनी भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का अकादमी पुरस्कार हासिल हुआ। वे और उनके पति एंड्रयू अप्टन वर्तमान में सिडनी थिएटर कंपनी के कलात्मक निर्देशक हैं। अधिक पढ़ें…
बाबरनामा (चग़ताई/फ़ारसी: بابر نامہ) या तुज़्क-ए-बाबरीमुग़ल साम्राज्य के पहले सम्राट बाबर की आत्मलिखित जीवनी है। यह उन्होंने अपनी मातृभाषा चग़ताई तुर्की में लिखी थी। इसमें उन्होंने अपना उज़्बेकिस्तान की फ़रग़ना वादी में गुज़ारा हुआ बचपन और यौवन, बाद में अफ़्ग़ानिस्तान और भारतीय उपमहाद्वीप पर आक्रमण और क़ब्ज़ा और अन्य घटनाओं का विवरण दिया है। उन्होंने हर क्षेत्र की भूमि, राजनीति, अर्थव्यवस्था, प्राकृतिक वातावरण, शहरों-इमारतों, फलों, जानवरों, इत्यादि का बखान किया है। इसमें कुछ फ़ारसी भाषा के छोटे-मोटे छंद भी आते हैं, हालांकि फ़ारसी बोलने वाले इसे समझने में अक्षम हैं।
भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले फाल्के ने अपनी सिनेमा जीवन की शुरुआत राजा हरिश्चन्द्र से शुरू की तथा अपने १९ वर्ष के व्यावसायिक जीवन में ९५ फिलमें और २६ शार्ट फिल्म बनाए थे