प्लास्टिक प्रदूषण
प्लास्टिक प्रदूषण, पर्यावरण में प्लास्टिक के प्रवेश आ एकरा से जियाजंतु, इनहन के प्राकृतिक आवास आ मनुष्य पर पड़े वाला खराब परभाव हवे।[1][2] जवन पलास्टिक प्रदूषक के रूप में काम करे लें उनहना के साइज के आधार पर तीन कटेगरी में बाँटल जाला: माइक्रो-, मेसो-, आ मैक्रो- कचड़ा; मने कि बहुत छोट साइज के, माझिल साइज के आ बड़हन साइज के कचड़ा।[3] प्लास्टिक सस्ता होखे ला आ बहुत दिन ले चले ला, एकर इस्तेमाल बहुत बिबिध प्रकार से कइल जा सके ला; इहे कारन बा कि आदमी द्वारा पलास्टिक के इस्तेमाल बहुत भारी मात्रा में पूरा दुनिया में हो रहल बा।[4] दूसर बात ई कि, जादेतर प्लास्टिक सभ के रचना अइसन होला कि ऊ प्राकृतिक तरीका से टूट के आसान तत्व में बदल जाए के बिबिध प्रक्रिया सभ के प्रति रोधक (रेजिस्टेंट) होखे लें। परिणाम ई कि इनहन के प्राकृतिक बिघटन बहुत धीरे होला।[5] ई दुनों कारण मिल के प्लास्टिक के पर्यावरण खातिर प्रदूषक चीज बानवे में योगदान करे लें आ ई एगो घातक प्रदूषक बन गइल बा।
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ "Plastic pollution". Encyclopædia Britannica. Retrieved 1 August 2013.
- ↑ Laura Parker (June 2018). "We Depend on Plastic. Now We're Drowning in It". NationalGeographic.com. Retrieved 25 June 2018.
- ↑ Hammer, J; Kraak, MH; Parsons, JR (2012). "Plastics in the marine environment: the dark side of a modern gift". Reviews of environmental contamination and toxicology. 220: 1–44. doi:10.1007/978-1-4614-3414-6_1.
- ↑ Hester, Ronald E.; Harrison, R. M. (editors) (2011). Marine Pollution and Human Health. Royal Society of Chemistry. pp. 84-85. ISBN 184973240X
- ↑ Lytle, Claire Le Guern. "Plastic Pollution". Coastal Care. Retrieved 19 February 2015.