उत्तराखण्ड/आलेख
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उत्तराखण्ड | |
— राज्य — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | भारत |
ज़िला | १३ |
' | ९ नवम्बर २००० |
राजधानी | देहरादून |
सबसे बड़ा नगर | देहरादून |
राज्यपाल | |
मुख्यमन्त्री | हरीश रावत |
विधान सभा (सीटें) | एकसदनीय (७१‡) |
जनसंख्या • घनत्व |
10116752[1] (१९वां) • 189/किमी2 (490/मील2) |
साक्षरता | ८०% |
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, संस्कृत[2] |
क्षेत्रफल | 53,566 km² (20,682 sq mi) (१८वां) |
ISO 3166-2 | IN-UL |
आधिकारिक जालस्थल: ua.nic.in | |
पाद-टिप्पणियाँ
† देहरादून राज्य की सामयिक राजधानी है। नई राजधानी अभी चयनित होनी शेष है।
‡ ७० (चयनित) + १ (नामांकित आंग्ल-भारतीय) | |
उत्तराखण्ड राजचिन्ह |
निर्देशांक: 30°20′N 78°04′E / 30.33°N 78.06°E
उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है। २००० और २००६ के बीच यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। ९ नवंबर २००० को उत्तराखण्ड भारत गणराज्य के २७ वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। राज्य का निर्माण कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात हुआ।[3] इस राज्य में वैदिक संस्कृति के कुछ अति महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। राज्य की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं तथा पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश (सन २००० में अपने गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था) इसके पड़ोसी हैं। पारंपरिक हिन्दू ग्रंथों और प्राचीन साहित्य में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखण्ड के रूप में किया गया है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है।
जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर उत्तरांचल से बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया।[4] देहरादून, उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी होने के साथ इस क्षेत्र में सबसे बड़ा नगर है। गैरसैण नामक एक छोटे से कस्बे को इसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भविष्य की राजधानी के रूप में प्रस्तावित किया गया है किन्तु विवादों और संसाधनों के अभाव के चलते अभी भी देहरादून अस्थाई राजधानी बना हुआ है।[5][6] राज्य का उच्च न्यायालय नैनीताल में है।
राज्य सरकार ने हाल ही में हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कुछ पहल की हैं। साथ ही बढ़ते पर्यटन व्यापार तथा उच्च तकनीकी वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए आकर्षक कर योजनायें प्रस्तुत की हैं। राज्य में कुछ विवादास्पद किन्तु वृहत बांध परियोजनाएँ भी हैं जिनकी पूरे देश में प्रायः आलोचना की जाती रही है, जैसे कि भागीरथी-भीलांगना नदियों पर बनने वाली टिहरी बाँध परियोजना। इस परियोजना की कल्पना १९५३ में की गई थी और यह अंततः २००७ में बनकर तैयार हुआ। उत्तराखण्ड, चिपको आंदोलन के जन्मस्थान के नाम से भी जाना जाता है।[7]
चित्र दीर्घा
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हरिद्वार में संध्या आरती
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नंदा देवी पर्वत शिखर
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ State wise Population of India as per 2011 Census (अंग्रेज़ी)
- ↑ "संस्कृत इज़ सेकण्ड ऑफ़िशियल लैंग्वेज इन उत्तराखण्ड". अभिगमन तिथि 2011-04-20. (अंग्रेज़ी)
- ↑ उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन Archived 2012-05-10 at the वेबैक मशीन (अंग्रेज़ी)
- ↑ उत्तरांचल बना उत्तराखण्ड Archived 2014-11-29 at the वेबैक मशीन (अंग्रेज़ी)
- ↑ निशंक सरकार गैरसैंण में बनायेगी सचिवालय? Archived 2010-07-08 at the वेबैक मशीन नैनीताल समाचार। अभिगमन तिथि: १९ जुलाई २०१०।
- ↑ राजधानी बने तो कहां, गैरसैंण और देहरादून के बीच होड़ Archived 2010-07-15 at the वेबैक मशीन नवभारत टाइम्स। अभिगमन १९ जुलाई २०१०।
- ↑ द चिपको मूवमेण्ट Archived 2010-10-21 at the वेबैक मशीन (अंग्रेज़ी)
बाहरी कड़ियाँ
राज्य पशु | कस्तूरी मृग |
राज्य पक्षी | मोनाल |
राज्य वृक्ष | बुरांस |
राज्य पुष्प | ब्रह्म कमल |
- उत्तराखण्ड सरकार का आधिकारिक जालपृष्ठ (अंग्रेज़ी)
- उत्तराखण्ड (उत्तराखण्ड के बारे में विस्तृत एवं प्रामाणिक जानकारी)
- अपनाउत्तराखण्ड.कॉम
- उत्तराखण्ड राज्य का परिचय
- उत्तराखण्ड: कुछ तथ्य इतिहास के झरोखे से
- इतिहास के पन्नों में उत्तराखण्ड
- उत्तराखण्ड का परिचय
- इतिहास के पन्नों में उत्तराखण्ड
- अपना उत्तराखण्ड
- उत्तरा कृषि प्रभा
- उत्तराखण्ड जानकारी केन्द्र (अंग्रेज़ी)
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