रोटी (1974 फ़िल्म)
रोटी | |
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रोटी का पोस्टर | |
निर्देशक | मनमोहन देसाई |
लेखक |
जीवनप्रभा देसाई प्रयाग राज कादर ख़ान |
निर्माता | रजनी देसाई |
अभिनेता |
राजेश खन्ना, मुमताज़ |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथि |
1974 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
रोटी 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्माण रजनी देसाई ने और मनमोहन देसाई द्वारा निर्देशन किया गया। इसमें राजेश खन्ना और मुमताज़ ने अभिनय किया है, जबकि संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया है। यह फिल्म 1974 में बेनाम और रोटी कपड़ा और मकान के साथ जारी हुई थी।
संक्षेप
[संपादित करें]मंगल सिंह (राजेश खन्ना) शुरू से अपराधी रहा है। उसे पुलिस पकड़ लेती है और उसे फाँसी की सजा दी जाती है। वह नाटकीय रूप से अंडरवर्ल्ड डॉन, सूरज (पिंचू कपूर) की मदद से भाग जाता है। अब वो पुलिस से भाग रहा है। वह उत्तरी भारत के एक छोटे से गाँव में रहता है और बिजली (मुमताज़) की मदद से स्कूल-शिक्षक बन जाता है।
वह श्रवण के दोस्त रामू की पहचान ले लेता है और श्रवण के माता-पिता, लालाजी (ओम प्रकाश) और माल्ती (निरूपा रॉय) के साथ रहने लगता है। यह जानते हुए कि वे उस आदमी के माता-पिता हैं जिसे उसने पुलिस से बचते समय मार दिया था।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- राजेश खन्ना ― मंगल सिंह
- मुमताज़ ― बिजली
- निरूपा रॉय ― माल्ती
- सुजीत कुमार ― पुलिस इंस्पेक्टर
- ओम प्रकाश ― लालाजी
- असरानी ― रामू
- जीवन ―
- जगदीप ― खड़क सिंह
- पिंचू कपूर ― सूरज
- जगदीश राज ― पुलिस इंस्पेक्टर
- विजू खोटे ― डॉक्टर
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "ये जो पब्लिक है" | किशोर कुमार | 5:20 |
2. | "नाच मेरी बुलबुल" | किशोर कुमार | 4:52 |
3. | "यार हमारी बात सुनो" | किशोर कुमार | 4:00 |
4. | "गोरे रंग पे ना इतना" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 4:51 |
5. | "फूलों के साथ" | लता मंगेशकर | 5:16 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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कमलाकर कार्कानी | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सम्पादन पुरस्कार | जीत |