लुइ-नगाई-नी
लुइ-नगाई-नी नागा जनजातियों द्वारा मनाया जाने वाला बीज बोने वाला त्योहार है। यह भारत के मणिपुर राज्य का एक प्रमुख त्योहार है।[1] यह त्योहार बीज बोने के मौसम की शुरुआत और नागाओं के लिए नए वर्ष की शुरुआत को दर्शाता है। इस उत्सव को 1988 में राज्य अवकाश घोषित किया गया था।[2]
लुइ-नगाई-नी | |
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प्रकार | नागा सांस्कृतिक उत्सव |
उद्देश्य | मणिपुर में नागाओं का बीजारोपण त्योहार |
उत्सव | सांस्कृतिक मेलजोल कार्यक्रम और गतिविधियाँ |
अनुष्ठान | 14-15 फरवरी |
समान पर्व | वार्षिक गतिविधियों की शुरुआत को दर्शाता है |
व्युत्पत्ति
[संपादित करें]"लुइ - नगाई - नी" शब्द तीन अलग-अलग नागा भाषाओँ से निकला है। "लुइ" तांगखुल शब्द "लुइराफानिट" से निकला है, जिसका अर्थ बीज बोने वाला त्योहार है, "नगाई" का अर्थरोंगमेई भाषा में त्योहार है, और "नी" बीज बोने के त्योहार के लिए एक माओ शब्द है।[3]
यह त्यौहार वसंत के मौसम की शुरुआत में 14-15 फरवरी को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। त्योहार के दौरान, मणिपुर में नागा जनजातियाँ अर्थात् अनाल, माओ, मरम, पोउमाइ, तंगखुल, ज़ेमे, लियांगमाइ, रोंगमेई, पुइमी, मोयोन, मोनसांग, मरिंग, तारो, लामकान, चोथा, खरम, चिरु, कोइरेंग और थांगाल निर्दिष्ट स्थान पर एक साथ जमा होती हैं और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करती है। मणिपुर के प्रमुख नगा जनजातियों के अलावा, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश के अन्य नागा जनजातियाँ विशेष मेहमानों और आमंत्रितों के रूप में उत्सव में भाग लेते हैं।[4] 24 दिसंबर 1986 को भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने नागाओं के स्मरण और मान्यता का एक विशेष दिन घोषित किया। तब से यह विभिन्न नागा के बहुल क्षेत्रों में मनाया जाता है। हॉर्नबिल फेस्टिवल के बाद यह दूसरा प्रमुख अंतर-जनजाति नागा त्योहार है, जो नागालैंड के दस से अधिक नागा जनजातियों द्वारा मनाया जाता है।
यह त्योहार फसल के देवताओं को सम्मान देने और खुश करने के लिए और लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना करने का एक विशेष अवसर है। त्यौहार के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाता है जैसे कि सांस्कृतिक नृत्य और गीत, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक पोशाक, आग की रोशनी, ढोल पीटना, पारंपरिक लोक नृत्य और गीत शामिल हैं। लुइ-नगाई-नी मणिपुर में सभी नागा बसे हुए क्षेत्रों में मनाया जाता है, हालांकि, मुख्य उत्सव नागा बसे हुए जिला मुख्यालय जैसे उखरूल, तामेंगलोंग, सेनापति और चंदेल में बारी-बारी से होस्ट किया जाता है।[5]
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Festivals in Manipur". E-Pao. मूल से 6 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 July 2016.
- ↑ "Nagas in Manipur". Manipur Times. मूल से 27 अगस्त 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 July 2016.
- ↑ "Lui Ngai Ni in Manipur". IJLLH. मूल से 1 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 July 2016.
- ↑ "Report on Lui Ngai Ni Celebration". DNA India. मूल से 2 जनवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 July 2016.
- ↑ "Holiday list" (PDF). Government of Manipur. मूल (PDF) से 28 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 July 2016.