मचान संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मञ्च + आन (प्रत्य॰)] १. चार खभों पर बाँस का टट्टर बाँधकर बनाया हुआ स्पान जिसपर बैठकर शिकार खेलते या खेत की रखवाली आदि करते हैं । मंच । २. कोई ऊँची बैठक । ३. दीया रखने की टिकठी । दीयठ ।