इंडिया हाउस
इण्डिया हाउस १९०५ से १९१० के दौरान लन्दन में स्थित एक अनौपचारिक भारतीय राष्ट्रवादी संस्था थी। इसकी स्थापना ब्रिटेन के भारतीय छात्रों में राष्ट्रवादी विचारों का प्रचार करने हेतु श्यामजी कृष्ण वर्मा के संरक्षण में हाइगेट, उत्तरी लन्दन के एक छात्र निवास में की गयी थी।
इतिहास
[संपादित करें]श्यामजी कृष्ण वर्मा ने 1888 में राजस्थान के अजमेर में वकालत के साथ स्वराज के लिये काम करना शुरू कर दिया था। बाद में रतलाम रियासत में वे दीवान नियुक्त हो गये। मध्यप्रदेश के रतलाम, राजस्थान के उदयपुर और गुजरात के जूनागढ़ में काफी लम्बे समय तक दीवान रहने के उपरान्त जब उन्होंने यह अनुभव किया कि ये राजे-महाराजे अंग्रेजों के खिलाफ़ कुछ नहीं करेंगे तो वे इंग्लैण्ड चले गये और अंग्रेजों की नाक के नीचे लन्दन में हाईगेट के पास एक तिमंजिला भवन खरीद लिया जो किसी पुराने रईस ने आर्थिक तंगी के कारण बेच दिया था।
इस भवन का नाम उन्होंने इण्डिया हाउस रखा और उसमें रहने वाले भारतीय छात्रों को छात्रवृत्ति देकर लन्दन में उनकी शिक्षा का व्यवस्था की।[1]
इण्डिया हाउस की अनुकृति भारत में
[संपादित करें]श्यामजी कृष्ण वर्मा व उनकी पत्नी भानुमती के निधन के पश्चात उन दोनों की अस्थियों को जिनेवा की सेण्ट जॉर्ज सीमेट्री में सुरक्षित रख दिया गया था। भारत की स्वतन्त्रता के 55 वर्ष बाद सन २००३ में गुजरात के मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने स्विट्ज़रलैण्ड की सरकार से अनुरोध करके जिनेवा से उन अस्थियों को भारत मँगवाया और श्यामजी के जन्म-स्थान माण्डवी में क्रान्ति-तीर्थ बनाकर उन्हें समुचित संरक्षण प्रदान किया।[2]
क्रान्ति-तीर्थ के परिसर में इण्डिया हाउस की हू-ब-हू अनुकृति बनाकर उसमें क्रान्तिकारियों के चित्र व साहित्य भी रखा गया है। कच्छ जाने वाले सभी देशी विदेशी पर्यटकों के लिये माण्डवी का क्रान्ति-तीर्थ एक उल्लेखनीय पर्यटन स्थल बन चुका है। इसे देखने दूर-दूर से पर्यटक गुजरात आते हैं।[3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ क्रान्त (2006). स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास. 1 (1 संस्करण). नई दिल्ली: प्रवीण प्रकाशन. पृ॰ २५०. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7783-119-4. मूल से 14 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ११ फरबरी २०१४.
उन्होंने जब यह अनुभव किया कि ये राजे-महाराजे अंग्रेजों के खिलाफ़ कुछ नहीं करेंगे तो वे इंग्लैण्ड चले गये और अंग्रेजों की नाक के नीचे लन्दन में हाईगेट के पास एक तिमंजिला भवन खरीद लिया जो किसी पुराने रईस ने आर्थिक तंगी के कारण बेच दिया था।
|accessdate=
में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ Soondas, Anand (24 अगस्त 2003). "Road show with patriot ash". द टेलीग्राफ, कलकत्ता, भारत. मूल से 20 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 फरबरी 2014.
|accessdate=
में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ श्यामजीकृष्ण वर्मा स्मृतिकक्ष Archived 2014-02-22 at the वेबैक मशीन अभिगमन तिथि: 11 फरबरी 2014
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- क्रान्ति-तीर्थ: श्यामजी कृष्ण वर्मा मेमोरियल, माण्डवी (गुजरात) - विस्तृत वेबसाइट देखें
- He built India House in London - ई-पेपर टाइम्स ऑफ इण्डिया डॉट कॉम (अभिगमन तिथि: १२ फरबरी २०१४)