जयशंकर प्रसाद
Born
in Varanasi, India
January 30, 1889
Died
January 14, 1937
चन्द्रगुप्त
by
12 editions
—
published
1994
—
|
|
|
कामायनी
by
47 editions
—
published
1936
—
|
|
|
कंकाल
by |
|
|
इंद्रजाल
by |
|
|
ध्रुवस्वामिनी
by |
|
|
अजातशत्रु
by
9 editions
—
published
2011
—
|
|
|
स्कंदगुप्त
by
4 editions
—
published
1964
—
|
|
|
आकाशदीप
by
3 editions
—
published
1996
—
|
|
|
The Garden of Loneliness: A Translation of Jayshankar Prasad's Ansu, "Tears"
by |
|
|
जयशंकर प्रसाद की यादगारी कहानियाँ
by
2 editions
—
published
2010
—
|
|
“देवि, जीवन विश्व की सम्पत्ति है। प्रमाद से, क्षणिक आवेश से, या दुःख की कठिनाइयों से उसे नष्ट करना ठीक तो नहीं।”
― ध्रुवस्वामिनी
― ध्रुवस्वामिनी
“मनुष्य, दूसरों को अपने मार्ग पर चलाने के लिए रुक जाता है, और अपना चलना बन्द कर देता है।”
― चन्द्रगुप्त
― चन्द्रगुप्त